मंगलवार, 14 मार्च 2017

ये घरी फुलझड़ी लागेलु इनर के परी

 ये घरी फुलझड़ी लागेलु इनर के परी
रूप सुनर सतरह के उमर पर आई मस्त जवानी
नवरतन तेल लागल ना होई कवनो  परेशानी

अ ]   नींद जदी जो न लागी हो
        काम से देहियाँ थाकी  हो
         जड़ी-बूटी  से बनल ई तेल
         रोग ना रहे दिही बाक़ी हो
एही से मल गर गतर -गतर तब मिली आराम ये रानी
नवरतन तेल लागल ना होई कवनो  परेशानी

ब ]  जदी  जो तोहरो बथी कपार
      या अगर जो आई बोख़ार
      आजमा  के देख नवरतन तेल
       ठीक क दी ये सरकार
देहीं के दरद या सिर-दरद हरदी तेल-इमामी
नवरतन तेल लागल ना होई कवनो  परेशानी 

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