ये घरी फुलझड़ी लागेलु इनर के परी
रूप सुनर सतरह के उमर पर आई मस्त जवानी
नवरतन तेल लागल ना होई कवनो परेशानी
अ ] नींद जदी जो न लागी हो
काम से देहियाँ थाकी हो
जड़ी-बूटी से बनल ई तेल
रोग ना रहे दिही बाक़ी हो
एही से मल गर गतर -गतर तब मिली आराम ये रानी
नवरतन तेल लागल ना होई कवनो परेशानी
ब ] जदी जो तोहरो बथी कपार
या अगर जो आई बोख़ार
आजमा के देख नवरतन तेल
ठीक क दी ये सरकार
देहीं के दरद या सिर-दरद हरदी तेल-इमामी
नवरतन तेल लागल ना होई कवनो परेशानी
रूप सुनर सतरह के उमर पर आई मस्त जवानी
नवरतन तेल लागल ना होई कवनो परेशानी
अ ] नींद जदी जो न लागी हो
काम से देहियाँ थाकी हो
जड़ी-बूटी से बनल ई तेल
रोग ना रहे दिही बाक़ी हो
एही से मल गर गतर -गतर तब मिली आराम ये रानी
नवरतन तेल लागल ना होई कवनो परेशानी
ब ] जदी जो तोहरो बथी कपार
या अगर जो आई बोख़ार
आजमा के देख नवरतन तेल
ठीक क दी ये सरकार
देहीं के दरद या सिर-दरद हरदी तेल-इमामी
नवरतन तेल लागल ना होई कवनो परेशानी
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